आयुर्वेद क्या है?
यह भारत का बहुत ही प्राचीन चिकित्सा शास्त्र है। इसके रचनाकार अश्वनी कुमार थे। यह माना जाता हि कि इन्होंने दक्षप्रजापति के धड़ में बकरे का सिर जोड़ा था जो एक आष्चर्यजनक घटना थी। हमारे पुराण के अनुसार इन्द्र ने इनकी यह विद्या ऋषि धनवंतरी को बताई। इसके बाद यह विधा प्रकाष में आई। आयुर्वेद को अथर्ववेद का उपवेद भी कहा जाता है। इसके आठ भाग है ऐसा माना जाता है- शालक्य(सिलाई),शल्य, काया चिकित्सा तंत्र विद्या(झाड़-फूंक), कुमार चिकित्सा अर्थात बच्चों की चिकित्सा, अगद तंत्र अर्थात विषैले जीवों के काटने का इलाजरसायन विद्या और बीजीकरण आदि।
यह भारत का बहुत ही प्राचीन चिकित्सा शास्त्र है। इसके रचनाकार अश्वनी कुमार थे। यह माना जाता हि कि इन्होंने दक्षप्रजापति के धड़ में बकरे का सिर जोड़ा था जो एक आष्चर्यजनक घटना थी। हमारे पुराण के अनुसार इन्द्र ने इनकी यह विद्या ऋषि धनवंतरी को बताई। इसके बाद यह विधा प्रकाष में आई। आयुर्वेद को अथर्ववेद का उपवेद भी कहा जाता है। इसके आठ भाग है ऐसा माना जाता है- शालक्य(सिलाई),शल्य, काया चिकित्सा तंत्र विद्या(झाड़-फूंक), कुमार चिकित्सा अर्थात बच्चों की चिकित्सा, अगद तंत्र अर्थात विषैले जीवों के काटने का इलाजरसायन विद्या और बीजीकरण आदि।
वैसे देखा जाए तो आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा पद्वति है, जो बिना किसी दुष्प्रभाव रोगो को ठीक करती है। यह प्राचीन समय में पूर्णतया जड़ी और बूटियों पर आधारित थी लेकिन आज कल इसमें खनिजों की भस्म का भी उपयोग होने लगा जो रोगो को ठीक करने में अहम भूमिका निभा रही है। आज यह विश्व के हर जगह में अपनी दुष्प्रभाव मुक्त औषधियों के लिए लोकप्रिय हो चुका है। मैं एक आयुर्वेद विष्वास करता हूं।
Read more click here